हुस्न उसका इस कदर है।
जो बर्दास्त नही होता।
आंखों मैं उनके इतनी कशिश है की
कुछ ओर याद नही होता।
हंसी पर मर मिटे मरने वाले।
हम है खुशनसीब जो हर वक़्त वो हमारे साथ होता।
जल गए जलने वाले हमारी मोहब्बत से
किसी को भी हमारा प्यार बर्दास्त नही होता।
ओर
मोहब्बत का गर हमारी आगाज नही होता।।।
रह जाते अकेले अगर वो हमारे साथ नही होता।।।।
बहुत तड़पते है जब वो दूर चला जाता है।
पास आने पर खुशी का कोई राज नही होता।।
उसके सिवा अब कुछ ओर याद नही होता….2
मोहब्बत का गर जो हमारी आगाज नही होता…2
जय हो मेरे राहत इन्दौरी,
गुस्ताखी माफ
इमरान इन्दौरी
🙏
Thanks bhai
Waahh khan sahb. Boht khub
Thanks dear….
Thanks for comment..
Bahut hi shaandar.. Mr. Khan..
दिल की बातें लफ्जो’ मेरे यूँ बंया करना आपसे बेहतर कौन जानता हैं
Bahut hi badiya khan
saab
Solid Khan sir