
Ye rang mohabbat ka
Kam chadta hai Aaj kal
Mehsus mohbbat kam or
Paisa chamkata hai ajkal
Kachi si hoti hai mohbbat ki shuruaat
Or
Pakki hone me lagta hai waqt ajkal
Kisi ki khamoshi uski mohbbat ka dam nikal deti hai.
Kisi ki jyadati do dilo ko ujad deti hai Aaj kal.
Wadiyo ka kinara jo mehkta tha kisi k Noor se
virana sa lagta hai Aaj kal.
Wo dard hi tha kahi na kahi dil me
Jo dhadkan bankar dhadhakta hai Aaj kal
Bina jiske lagti hai adhuri ye jindagi.
Wo kahi bhi nahi hai aaj kal
Ye rang mohabbat ka kam chadta hai aajkal..2
ये रंग मोहब्बत का,
कम चढ़ता हैं आजकल।
महसूस मोहब्बत कम और,
पैसा चमकता हैं आजकल।
कच्ची सी होती हैं मोहब्बत की शुरुआत और,
पक्की होने में वक्त लगता हैं आजकल।
किसी की खामोशी किसी की मोहब्बत का दम निकाल देती है।
किसी की ज्यादती दो दिलों को उजाड़ देती हैं आजकल।
वादियों जो चमकती थी किसी के नूर से,
वो वादिया सूनी – सूनी सी लगती है आजकल।
वो दर्द हो था कही न कही दिल में,
जो धड़कन बनकर धड़कता है आजकल।
बिना जिसके अधूरी सी लगती है ये जिंदगी,
वो अब कही भी नही आजकल।
ये रंग मोहब्बत का, कम चढ़ता हैं आजकल…2
ये रंग मोहब्बत का,
कम चढ़ता हैं आजकल।
महसूस मोहब्बत कम और,
पैसा चमकता हैं आजकल।
कच्ची सी होती हैं मोहब्बत की शुरुआत और,
पक्की होने में वक्त लगता हैं आजकल।
किसी की खामोशी किसी की मोहब्बत का दम निकाल देती है।
किसी की ज्यादती दो दिलों को उजाड़ देती हैं आजकल।जो चमकती थी किसी के नूर से,
वो वादिया सूनी – सूनी सी लगती है आजकल।
वादियां जो चमकती थी किसी के नूर से,
वो वादिया सूनी – सूनी सी लगती है आजकल।
वो दर्द हो था कही न कही दिल में,
जो धड़कन बनकर धड़कता है आजकल।
बिना जिसके अधूरी सी लगती है ये जिंदगी,
वो अब कही भी नही आजकल।
ये रंग मोहब्बत का, कम चढ़ता हैं आजकल…2
Soch raha hu Teri tarif Mai kya likhu