हर वक़्त तुम्हे हम याद करते है
तुम्हारे आने की सदा रब से दरयाफ्त करते है
जो न देखे तुम्हे एक दिन
तो दिल भी ये फरयाद करता है
लोट आओ फिर शाम हो चली है
लोट आओ फिर शाम हो चली है
इन आँखों ने ना देखा एक अरसे से तुम्हे
अब आंसुओ में भी कमी होने लगी है
हर वक़्त तुम्हे याद कर के ये भी अब थकने लगी है…
ये भी अब थकने लगी है
ये भी अब थकने लगी है