आरजुएं अश्क़ से बेहतर है तेरा मिलने चले आना।
आशिकी कर के दिल मे हमारे उतर जाना।
बेखुदी मैं भी बेवफाई न कर जाना ए दोस्त।
रहे न दूरी दरमियां ये दुआ-ए-कर जाना।
फकत इतनी आरजू है इस दिल की मेरे हमसफर।
साहिल के किनारे पर हमें तन्हा छोड़ कर न चले जाना।
आशिकी कर के दिल मे हमारे उत्तर जाना……2